मानव रचना ने इरासमस+ के तहत दक्षिण एशिया में अनुसंधान, नवाचार और उद्यमिता को सशक्त किया

फरीदाबाद, 7 मार्च, 2025: मानव रचना इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ रिसर्च एंड स्टडीज (MRIIRS) अकादमिक उत्कृष्टता, डिजिटल परिवर्तन और उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के लिए यूरोपीय संघ की इरासमस+ कैपेसिटी बिल्डिंग इन हायर एजुकेशन (CBHE) पहल के तहत सक्रिय भूमिका निभा रहा है। नेक्स्ट जेनरेशन स्पेशलिस्ट इंफॉर्मेशन सपोर्ट (NSIS) परियोजना के तहत, जिसका विषय है भारत, श्रीलंका और नेपाल में व्यवसाय, नवाचार और उद्यमिता के लिए सूचना, अनुसंधान और डिजिटल कौशल का विकास”। यूरोपीय संघ द्वारा सह-वित्त पोषित इस परियोजना में MRIIRS शिक्षा, अनुसंधान और उद्योग के बीच समन्वय स्थापित करने की दिशा में कार्य कर रहा है। इस परियोजना के सहयोगी देशों में आयरलैंड, कज़ाख़स्तान, रोमानिया, ग्रीस, जर्मनी, भारत, नेपाल और श्रीलंका शामिल हैं।
इरासमस+ CBHE, यूरोपीय संघ की एक प्रमुख पहल है, जो अनुसंधान-आधारित शिक्षण, डिजिटल नवाचार और उद्योग सहयोग को एकीकृत करके उच्च शिक्षा को आधुनिक बनाने के लिए वित्त पोषित करती है। इस परियोजना के माध्यम से उच्च शिक्षण संस्थानों (HEIs) को नवीनता और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक विशेषज्ञता और तकनीकी संसाधन उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
MRIIRS के कुलपति डॉ. संजय श्रीवास्तव (LEAR) और अनुसंधान की कार्यकारी निदेशक एवं डीन डॉ. सरिता सचदेवा (परियोजना प्रमुख) के नेतृत्व में यह पहल ज्ञान तक पहुंच को मजबूत करने, अनुसंधान में सुधार करने और नवाचार के लिए एक सशक्त पारिस्थितिकी तंत्र बनाने के उद्देश्य से कार्यरत है। इस प्रयास में MRIIRS के श्री आर.के. अरोड़ा; CS डॉ. मोनिका गोयल; डॉ. अनिंदिता सी. राव; डॉ. राजेश कुमार और डॉ. चारु राजपाल सहित कई प्रतिष्ठित शिक्षाविद योगदान दे रहे हैं।
MRIIRS के कुलपति डॉ. संजय श्रीवास्तव ने कहा, “यह सहयोग अनुसंधान-आधारित डिजिटल और उद्यमशीलता कौशल के माध्यम से संस्थानों को सशक्त करने की हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है, जो आर्थिक विकास और ज्ञान-आधारित समाजों के लिए आवश्यक हैं।
डॉ. सरिता सचदेवा ने कहा,इस पहल के माध्यम से हम केवल अनुसंधान क्षमताओं को बढ़ावा नहीं दे रहे हैं, बल्कि उच्च शिक्षा को व्यवसाय और नवाचार के केंद्र में बनाए रखने का प्रयास कर रहे हैं। यह परियोजना शिक्षाविदों और उद्योग के बीच सहयोग को मजबूत करेगी, जिससे एक स्थायी और अनुसंधान-समृद्ध वातावरण विकसित होगा।
डिजिटल कौशल, उद्यमशीलता और अनुसंधान उत्कृष्टता पर केंद्रित इस पहल के माध्यम से मानव रचना वैश्विक स्तर पर शिक्षा और नवाचार में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। यह परियोजना उच्च शिक्षा, अनुसंधान और व्यवसाय को समर्थन देने में आईएस विशेषज्ञों की भूमिका को सशक्त बनाएगी।